ऐ मेरे हमनशी,
कैसी है ये तेरी
दिलकशी,
रूठ गयी है
ज़िन्दगी भी मुझसे,
खो गयी है हर
ख़ुशी ♥♥
कैसी है ये तेरी
दिलकशी,
रूठ गयी है
ज़िन्दगी भी मुझसे,
खो गयी है हर
ख़ुशी ♥♥
क्यों है ये चाहतें,
कैसी
है ये बेबसी,
है ये बेबसी,
टूट
चूका हूँ मैं,
चूका हूँ मैं,
टूट
रही है हर सांस भी ♥♥
रही है हर सांस भी ♥♥
लब तरसते रहे कुछ कहने को,
बयाँ
करती रही आँखों की नमी,
करती रही आँखों की नमी,
हर
टूटा ख्वाब है एक चूभन सा
टूटा ख्वाब है एक चूभन सा
छिल
गयी है दिल की जमीं ♥♥
गयी है दिल की जमीं ♥♥
ऐ
मेरे हमनशी,
मेरे हमनशी,
क्यों
है तू हर कहीं,
है तू हर कहीं,
आँखें
अब बंज़र सी है,
अब बंज़र सी है,
ग़ुम
है लबों की हँसी ♥♥
है लबों की हँसी ♥♥
And how romantic is that… 🙂
THank you 🙂 your beautiful and sweet comments always touch my heart.
nice….
THanks.