मैं जल हूँ, जीवन प्रश्न है तो मैं हल हूँ, मैं गर आज हूँ, तो मैं कल हूँ… मैं जल हूँ, मैं बहती नदी का बल हूँ, मैं पेड़ पर लगा फल हूँ, मैं खेत में लहराती फसल हूँ, मैं धरा का आँचल हूँ, मैं बरसता बादल हूँ, मैं निर्मल गंगाजल हूँ… मैं जल हूँ, […]
बयान करने को पूरा दरिया था, मगर कोई जरिया ना मिला, फिर एक दिन हिंदी मिली, और फिर इक नज़रिया मिला |
कभी लगता है कि तू इस दिल से निकल जाये, तो कभी लगता है कि तुझे याद करने की कोई वजह मिल जाये ♥♥