इक उम्र गुज़री है हिज़्र में अब वस्ल का स्वाद चखना है, तेरे गाल पे जो तिल है उसे होंठों से उठाकर तेरे काँधे पे रखना है ।
मैं इक रात भी मुकम्मल नहीं जीया, अधूरे इश्क़ को भी मैंने पूरा किया ♥♥
तेरी याद से ऊँगली छूटने नहीं दी, मैंने ख्वाब की नींद टूटने नहीं दी ♥♥
कतरा-कतरा इश्क़ जब दिल से गुज़रता है, जैसे बारिशों का पानी ज़मीं में उतरता है, आँखों को ये इंतज़ार बेवज़ह नहीं ऐ दोस्त, कोई तो है जहां में जो मेरे लिए संवरता है ♥♥
मेरे ख़्यालों से मैंने तुम्हारी एक तस्वीर बुनी है, मैंने महलों को छोड़कर तुम्हारी जुल्फ़ों की छांव चुनी है, ये लफ्ज़ और जज़्बात ख़ामोश थे तुम बिन, तुम्हें देखा तब मैंने अपनी धड़कनो की पहली बार आवाज़ सुनी है ♥♥
तक़दीर ने जो रोका उन्हें, तो वो उनकी तस्वीरों से दिल लगाते है, क्या ख़ूब हैं वो लोग, जो एकतरफ़ा प्यार को भी शिद्दत से निभाते है ♥♥
जब इश्क़ की ये सर्द हवाएँ चलती है, तेरी यादों की गर्मी से दिल पे जमी ये बर्फ पिघलती है, बचता फिरता हूँ इन तन्हाई के बादलों से मैं, मगर हर लम्हा तेरी याद मुझपे बूँद-बूँद गिरती है ♥♥ ढूँढता रहता है दिल किनारा हर कहीं, दरिया-ए-इश्क़ में जो कश्ती है अब संभाले ना संभलती […]
मेरी तन्हाइयों को, तेरी सदाएं मिल जाये, जिस दुआ से जुड़ा हो नाम तेरा, मुझे वो सारी दुआएं मिल जायें, सुकून दे जो दिल को, मुझे वो तेरी अदाएं मिल जाये, जिन नज़रों तक है तलाश मेरी, मुझे वो तेरी निगाहें मिल जायें, तुझसे ही मुक़म्मल हो इश्क मेरा, मुझे तेरी वफाएं मिल जाये ♥♥