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फितूर-ए-इश्क़
Hindi Poetry - Of longing, Love and Life
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Thursday, February 21, 2019
वस्ल | Sad Love Poems
तिरे हिज़्र में मर मर के जीये
,
वस्ल की रात में घुट इंतिज़ार के पीये ।
कर्जा | Hindi Love Shayari
ख़्वाबों का कर्जा है मुझ पर
,
रोज़ नींद को आने नहीं देते ।
खनक | ISHQ Shayari
इक चेहरा ख़्याल से गुजरा
और आँखों को भनक ना हुई
,
उसने ख़्वाबों में दस्तक दी
और पायल की खनक ना हुई ।
Wednesday, February 20, 2019
मैखानों | Sad Shayari
गुलाब चुभने लगे हैं
,
अब काँटों से मुहब्बत की जाय
,
वस्ल होता तो आँखों से पीते
,
तिरे हिज़्र में मैखानों में पी जाय ।
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